मित्रो आप ये समझ लीजिये करोड़पति को अरबपति बना देना कभी स्वदेशी नहीं है, अरबपति को खबरपति बना देना कभी स्वदेशी नहीं ।
स्वदेशी: जो प्रकृति और मनुष्य का शोषण किये बिना हमारी सनातन संस्कृति और सभ्यता के अनुकूल किसी स्थानीय कारीगर द्वारा बनायीं गयी या कोई सेवा दी गयी हो और जिसका पैसा स्थानीय अर्थव्यवस्था में प्रयोग होता हो वही स्वदेशी है । यही राजीव भाई का स्वदेशी है । इसके अतिरिक्त सब देशी है या विदेशी है ।
मित्रो मुझे आशा है ऊपर दिये गए उदाहरणो से अब आपको ”विदेशी” ”देशी”-और ”स्वदेशी” का अंतर समझ आ गया होगा,और आपको ये सपष्ट हो गया होगा ,कि पतंजलि रिलाएंस,टाटा बिरला,मारुति ,माईकरोमैक्स, सब देशी है । स्वदेशी नहीं और अब आप वास्तविक स्वदेशी को अपनाएं गए आप भ्रमवश जो ”देशी” को ”स्वदेशी” समझने की जो भूल कर रह थे अब नहीं करेंगे ।
स्वदेशी मात्र वस्तुए खरीदने तक ही सीमित नहीं है मित्रो । ,अपने आप को अपनी सनातन सभ्यता,संस्कृति से जोड़े रखना ,अपने समाज और राष्ट्र को भी अपनी सनातन, सभ्यता के अनुकूल बनाना ही स्वदेशी का वास्तविक अर्थ है |
(इसके लिए जो अँग्रेजी कानून जो हमारी सनातन सभ्यता, संस्कृति के अनुकूल नहीं उन्हे भी बदलने के लिए संघर्ष करना है )
ऐसी विदेशी कंपनियाँ भी है जिसमे आधे से भी कम % भारतीय पैसा लगा हुआ है तो वे भी विदेशी हुई, इसी तरह भारतीय कंपनी मे विदेशी ५०% से ज्यादा पैसा लगा है तो वह विदेशी है,
आप यह पता भी लगाए की आप जिस कंपनी का माल खरीद रहे है है क्या वह पूर्णतया स्वदेशी है ?
जेसे मारुति कंपनी मे ५४% पैसा सुजुकी कंपनी का है , और अब सरकार का इस कंपनी मे कुछ भी हिस्सा नहीं है, उसने अपना १८% हिस्सा भी शिक्षण संस्थानो को बेच दिया !
ये जरूरी नहीं की बिग बाजार कुछ विदेशी ब्रांड को अपने मॉल / ब्रांड के तले बेचता हो तो वे स्वदेशी है…