श्री श्याम अष्टगंध चन्दन
₹30.00
- केसरयुक्त सुगन्धित तिलक
- पूर्ण प्राकृतिक
- प्रभु सेवा एवं मंगल कार्यो में उपयोगी
- इसे लगाने से पूरे दिन तिलक की प्राकृतिक खुशबू रहती है और मस्तिष्क शीतल रहता है
- वजन – 20 ग्राम
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Description
घटक – सफ़ेद चन्दन, लाल चन्दन, गोपी चन्दन, केसर, यमुना जल, कपूर, इत्र इत्यादि से निर्मित
माथे पर क्यों लगाया जाता है तिलक, जानें वैज्ञानिक कारण :-
तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाता है. तिलक को मस्तिक के केंद्र पर लगाने पीछे कारण ये है कि हमारे शरीर में 7 छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं. तिलक को मस्तिष्क के बीच में इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है. जिसे गुरुचक्र भी कहते हैं. ये जगह मानव शरीर का केंद्र स्थान है. इसे से एकाग्रता और ज्ञान से परिपूर्ण हैं. गुरुचक्र को बृस्पति ग्रह का केंद्र माना जाता है. बृहस्पति सभी देवों का गुरु होता है. इसीलिए इसे गुरुचक्र कहा जाता है.
इस अंगुली से लगाना चाहिए तिलक :-
हमेशा अनामिका उंगली से तिलक लगाया जाता है. अनामिका उंगली सूर्य की प्रतीक होती है. अनामिका उंगली से तिलक लगाने से तेजस्वी और प्रतिष्ठा मिलती है. साथ ही जब भी मान-सम्मान के लिए अंगुष्ठ यानि अंगूठे से तिलक लगया जाता है. अंगुष्ठ से तिलक लगाने से ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है. विजय प्राप्ति के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाया जाता है.
Additional information
Weight | 40 g |
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