हवन धूप – देशी पंचगव्यो और जड़ी बूटियों से बनी
₹90.00 – ₹160.00
देशी गौमाता का गोबर, गौघृत, जटामांसी, नागरमोथा, कपूर काचरी, सुगंध कोकिला, हाऊबेर, चन्दन पाउडर, गुग्गल इत्यादि प्राकृतिक घटकों से तैयार हवन धूप-बत्ती हवन का सूक्ष्म स्वरूप है तथा प्रतिदिन इसके प्रयोग से शुद्ध सात्विक व प्रदूषण रहित वातावरण बनता है । घर व्यापार के समस्त वास्तु दोषों का निवारण होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।
बांस की लकड़ी को क्यों नहीं जलाया जाता है ?
इसके पीछे धार्मिक कारण है या वैज्ञानिक कारण ?
हम अक्सर शुभ (जैसे हवन अथवा पूजा-पाठ आदि) और अशुभ (दाह संस्कारादि) कामों के लिए विभिन्न प्रकार की लकड़ियों को जलाने में प्रयोग करते है, लेकिन क्या आपने कभी किसी काम के दौरान बांस की लकड़ी जलती देखी है ? नहीं ना?
भारतीय संस्कृति, परंपरा और धार्मिक महत्व के अनुसार, ‘हमारे शास्त्रों में बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित माना गया है। यहां तक की हम अर्थी के लिए बांस की लकड़ी का उपयोग तो करते है, लेकिन उसे चिता में जलाते नहीं।’
आर्य (हिन्दू) धर्मानुसार बांस जलाने से पितृ दोष लगता है वहीं जन्म के समय जो नाल माता और शिशु को जोड़ के रखती है, उसे भी बांस के वृक्षो के बीच मे गाड़ते है ताकि वंश सदैव बढ़ता रहे।
क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है?
बांस में लेड व हेवी मेटल प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। लेड जलने पर लेड ऑक्साइड बनाता है जो कि एक खतरनाक नीरो टॉक्सिक है । हेवी मेटल भी जलने पर ऑक्साइड्स बनाते हैं। लेकिन जिस बांस की लकड़ी को जलाना शास्त्रों में वर्जित है यहां तक कि चिता में भी नही जला सकते, उस बांस की लकड़ी को हमलोग रोज़ अगरबत्ती में जलाते हैं। अगरबत्ती के जलने से उतपन्न हुई सुगन्ध के प्रसार के लिए फेथलेट नाम के विशिष्ट केमिकल का प्रयोग किया जाता है। यह एक फेथलिक एसिड का ईस्टर होता है जो कि श्वांस के साथ शरीर में प्रवेश करता है, इस प्रकार अगरबत्ती की तथाकथित सुगन्ध न्यूरोटॉक्सिक एवम हेप्टोटोक्सिक को भी स्वांस के साथ शरीर मे पहुंचाती है।
इसकी लेशमात्र उपस्थिति कैंसर अथवा मष्तिष्क आघात का कारण बन सकती है। हेप्टो टॉक्सिक की थोड़ी सी मात्रा लीवर को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है।
Description
शास्त्रों में पूजन विधान में कही भी अगरबत्ती का उल्लेख नही मिलता सब जगह धूप ही लिखा है ।
हर स्थान पर धूप,दीप,नैवेद्य का ही वर्णन है।
हमारे धर्म की हर एक बातें वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मानवमात्र के कल्याण के लिए ही बनी है.
अतः कृपया अगरबत्ती का प्रयोग न करें, उसकी जगह धूप का ही उपयोग करें।
Additional information
Weight | 200 g |
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संख्या Number | 120 पीस(Pieces), 60 पीस(Pieces) |