देशी खांड से बनी धागे वाली मिश्री
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वजन – 1 किलो
देशी खांड से मिश्री बनाने के फायदे
- प्राकृतिक मिठास: देशी खांड में प्रसंस्करण कम होता है, जिससे यह अधिक प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।
- पोषण तत्वों से भरपूर: इसमें खनिज और विटामिन होते हैं, जो रिफाइंड चीनी में नहीं पाए जाते।
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: देशी खांड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी से कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए भी बेहतर विकल्प हो सकता है
आप देशी खांड से तैयार की गई मिश्री को मिठाईयों, पेय पदार्थों, और स्वास्थ्यवर्धक उपचारों में उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि गले की समस्याओं और पाचन सुधार के लिए।
खांड धागा मिश्री के फायदे
- एसिडिटी में राहत: जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है, वे सौंफ मिश्री या खांड मिश्री का सेवन कर सकते हैं। यह पेट को शांत करता है और एसिडिटी को कम करता है।
- स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार: मिश्री का सेवन पुरुषों में स्पर्म की गुणवत्ता को सुधारता है। आयुर्वेद में इसे शुक्रवर्धिका कहा जाता है, जो स्पर्म को बढ़ाने में मदद करती है।
- ऊर्जा बढ़ाने वाली: मिश्री बलकारक यानी ताकत बढ़ाने का काम करती है। यह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं।
- खून का एसिड लेवल दुरुस्त रखना: मिश्री खाने से रक्तपित्तहर यानी खून का एसिड लेवल सही रहता है, जिससे खून साफ और स्वस्थ बना रहता है।
- उल्टी और जी मिचलाने में राहत: मिश्री छर्दिघ्न यानी उल्टी और जी मिचलाने की समस्या को दूर करती है। यह पेट को शांत कर देती है और मिचलाने को कम करती है।
- वात दोष का नाश: मिश्री वातनाशक होती है, यानी यह वात दोष को खत्म करती है। यह शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त, कफ) में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
- सर्दी, खांसी और जुकाम में राहत: मिश्री सर्दी, खांसी और जुकाम को दूर करने में मदद करती है। इसका सेवन गले की समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है।
- पाचन शक्ति बढ़ाना: भोजन के बाद सौंफ मिश्री खाने की परंपरा है, जिससे मुंह में लार पाचन एंजाइम बनते हैं और पाचन शक्ति बढ़ती है। यह भोजन को अच्छी तरह से पचाने में मदद करती है और अपच की समस्या को कम करती है।
इन सभी फायदों को देखते हुए, खांड धागा मिश्री को अपने दैनिक आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। यह न केवल मिठास प्रदान करती है बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होती है।
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Description
देशी खांड (Deshi Khand) प्राकृतिक और कम प्रसंस्कृत होती है, जिससे इसका उपयोग मिश्री बनाने के लिए एक बेहतर विकल्प होता है। इसके फायदे और बनाने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:
देशी खांड से मिश्री बनाने की प्रक्रिया
- खांड का घोल तैयार करना:
- देशी खांड को पानी में घोलकर एक शुद्ध घोल तैयार करें। इसे अच्छी तरह से उबालें और अशुद्धियों को हटाने के लिए छान लें।
- इस घोल को तब तक उबालें जब तक यह गाढ़ा न हो जाए।
- क्रिस्टलाइजेशन (क्रिस्टलीकरण):
- गाढ़े घोल को बड़े बर्तनों (पॉट्स या कंटेनर्स) में डालें और धीरे-धीरे ठंडा होने दें।
- इस प्रक्रिया में 5-6 दिनों का समय लग सकता है, जिससे बड़े और शुद्ध क्रिस्टल बन सकें।
- क्रिस्टल की कटाई:
- जब क्रिस्टल पूरी तरह से बन जाएं, तो उन्हें घोल से निकाल लें। इस प्रक्रिया को कटाई कहते हैं।
- क्रिस्टल को निकालकर साफ पानी से धोएं, ताकि बचे हुए सिरप या अन्य अशुद्धियाँ हट जाएं।
- सूखाना:
- साफ किए गए क्रिस्टल को धूप में या विशेष ड्रायर (Dryers) में सुखाएं। इससे मिश्री के क्रिस्टल पूरी तरह से सूख जाएंगे और उपयोग के लिए तैयार हो जाएंगे।
निष्कर्ष
देशी खांड से मिश्री बनाना न केवल संभव है बल्कि यह एक स्वस्थ विकल्प भी है। देशी खांड के प्राकृतिक गुण और पोषक तत्व इसे एक बेहतर विकल्प बनाते हैं। इस प्रक्रिया में आपको वही विधियाँ अपनानी होंगी जो सामान्यत: चीनी से मिश्री बनाने में उपयोग होती हैं, लेकिन परिणामस्वरूप आपको अधिक पौष्टिक और प्राकृतिक मिश्री मिलेगी।
Additional information
Weight | 1015 g |
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