अपनी कार्यक्षमता कैसे बढ़ाएं

आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी के साथ साथ हमारे कार्य करने की क्षमता तो बढ़ गई है परंतु उसके साथ साथ बढ़ते प्रदूषण और तनाव के कारण हमारा स्वस्थ रहना बहुत मुश्किल हो गया है| हमारी दैनिक दिनचर्या और खानपान में हमारे बड़े बुजुर्गों की तरह कोई संतुलन नहीं रहती जिसके कारण हमारे शरीर में बहुत सारे रोग घर कर जाते हैं| इससे हमारी कार्य क्षमता भी घटती है क्योंकि हम अगर स्वस्थ ही नहीं रहे तो कोई भी तकनीक या टेक्नोलॉजी हमारे शारीरिक कार्य क्षमता का विकल्प नहीं बन सकती| नीचे दिए गए कुछ ऐसे उपाय है जिससे  हमारा शरीर मन एवं दिमाग भी स्वस्थ रह सकता है और हमारी कार्य क्षमता भी बढ़ सकती है|

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब काम जितनी जल्दी हो सके उतनी तेजी से खत्म करना चाहते हैं| यहां तक कि खाना और पानी पीना भी इसी होड़ का एक हिस्सा बन चुका है| परंतु खड़े होकर पानी पीना या खाना खाना एक बहुत ही बुरी आदत है| इससे शरीर को पानी या खाने का पूर्ण पोषण नहीं मिलता जिससे वह खाना या पानी व्यर्थ हो जाता है| पेट बाहर निकलने का भी सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठकर खाना और उसके तुरंत बाद पानी पीना है| भोजन जितना हो सके जमीन पर बैठकर ही खाना चाहिए| भोजन ग्रहण करने का भी एक सटीक तरीका होता है| भोजन के प्रारंभ में मीठा बीच में खट्टा और नमकीन तथा आखिर में दिखाया चटपटा कसैला पदार्थ का सेवन करना चाहिए| दोपहर का भारी भोजन यदि सुबह में कर ले तो वह सबसे अच्छा रहता है| परंतु अगर यह संभव ना हो तो दोपहर के भोजन के बाद कम से कम 20 मिनट के लिए विष्णु भगवान के शयन भंगी में लेट कर आराम कीजिए| ऐसे करते हुए अगर आपको नींद भी आ जाए तो 40 मिनट की झपकी भी ले लें | ऐसा करने से आपकी कार्य क्षमता में लगभग 3 गुना ज्यादा वृद्धि होती है और बाकी के आधे दिन के काम करने में आपको बहुत सहायता मिलती है| भोजन करने के बाद यह सुस्ती आना बहुत ही आम बात है क्योंकि भोजन के बाद ब्लड के ऊपर प्रेशर बढ़ जाता है जिससे हमारे ब्रेन को ज्यादा काम करना पड़ता है| इसी कारण हमें निद्रा आती है| परंतु इसी के विपरीत शाम के भोजन के बाद बिल्कुल नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे बहुत सारी खतरनाक बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है|

फल, दूध से बनी मिठाई, तैलीय पदार्थ खाने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए| भोजन के तुरंत बाद स्नान करना या बहुत ज्यादा परिश्रम करना भी हमारे पाचन शक्ति को नष्ट कर सकता है|

अधिक फ्रिज किए हुए ठंडे पदार्थों के सेवन से हमारी बड़ी आत सिकुड़ सकती है|

सिगरेट तंबाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से हमारे मस्तिष्क मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती है जिनका पुनर्निर्माण कभी नहीं होता| इसलिए इन नशीले पदार्थों का पूर्ण रूप से त्याग कर देना चाहिए|

इन सारे भोजन से जुड़े अभ्यासों का पालन करने से शरीर को भोजन से मिले पोषक तत्वों को हमारे शरीर के लाभ के लिए इस्तेमाल करने में सहायता मिलती है| इन सब से हमारी शारीरिक क्षमता अधिक बढ़ जाती है| इसके अलावा भी कई ऐसे उपाय है जिससे हम अपनी शारीरिक क्षमता और अधिक बढ़ा सकते हैं|

ज़्यादा झुक कर पढ़ने या काम करने से फेफड़े रीढ़ की हड्डी और आंखों की रोशनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है| इसीलिए हमें अपनी किताबें या बाकी काम करने का सामान किसी ऐसे स्तर पर रखना चाहिए जिससे हमारी आंखों को ज्यादा जोड़ ना डालनी पड़े|

नहाने के कुछ समय पहले एक गिलास सादा पानी पिए जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत हद तक दूर हो सकती है| नहाते समय सबसे पहले अपने सिर पर या अपने मुंह पर पानी डालें| पैरों पर सबसे पहले पानी डालने से शरीर की गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर जाता है और आंख मस्तिष्क आदि संवेदनशील अंगों को क्षति पहुंचती है|

            शरीर के साथ-साथ  मस्तिष्क एवं मन को भी स्वस्थ रखना हमारी कार्य क्षमता को अधिक बढ़ाने में सहायता करती है| इस तनाव भरी हमारी जीवन शैली में डिप्रेशन जैसी कई मानसिक बीमारियां दबे पांव हम तक पहुंचने लगी है| पूरी दुनिया में लगभग 30 से 40% लोग किसी ना किसी मानसिक या मन की बीमारियों का शिकार बन जाते है| इसीलिए अपने शरीर के साथ-साथ अपने दिमाग एवं मन को भी स्वस्थ रखना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है| कहा जाता है कि स्वस्थ मन में ही ईश्वर का वास होता है| इसीलिए जब आप स्वस्थ रहते हैं तभी आपका मन भी खुश होता है और स्वस्थ रहने का रास्ता हमारे पेट से ही गुजरता है| इसीलिए अपने मन को भी स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप अच्छा और पौष्टिक खाना खाएं| माना जाता है कि अलसी के तेल और अखरोट में पाया जाने वाला omega-3 फैट तनाव से लड़ने में मदद करता है|

अपने मन को खुश रखने के लिए डायरी लिखने की आदत बहुत फायदेमंद और अच्छी होती है| जब आप डायरी लिखने के लिए बैठते हैं तो आपका दिमाग उस विषय पर चिंतन करने और उससे और निखार कर लिखने में व्यस्त हो जाता है जिससे आप अपनी सारी परेशानियों को भूल जाते हैं| ऐसा करने से आप का मन भी खुश रहता है और आपकी सेहत भी अच्छी होती है।

 एक स्वस्थ जीवन बिताने के लिए अधिक जरूरी है कि आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अथवा आपके अपनी बात दूसरों के सामने रखने की कला अच्छी हो| स्कूल, कॉलेज में या अपने कार्य स्थलों में अगर आपका सही संवाद ना हो पाए तो संबंधों में गलतफहमियां पैदा होती है| ऐसे में आपकी संवाद क्षमता अच्छी होनी चाहिए जिससे आपके एवं आपके संबंधों में मिठास बनी रहे और तनाव का एक बड़ा कारण आपसे कोसों दूर रहे।

स्वस्थ मन और शरीर के लिए अच्छी नींद भी बहुत जरूरी होती है| आज के युग में सभी पर काम का इतना ज्यादा बोझ रहता है कि उसके कारण आप ठीक से सो नहीं पाते| ऐसे में आप पूरे दिन सुस्ती महसूस करते हैं जो आपकी सेहत एवं दिमाग पर भी असर डालता है| इसीलिए अपने काम के साथ-साथ नींद के लिए भी समय निकालें जिससे आप तरोताजा महसूस करेंगे और काम करने में भी आपका मन लगेगा| इसीलिए दिन में 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लें|

           इन सबके अलावा भी दो ऐसी चीजें हैं जिनका नियमित पालन करना जितना आवश्यक है उतना ही असरदार भी है| इन दो कार्यों को अपनी जीवनशैली में अपनाने से आपको इन के फायदे कुछ ही दिनों में देखने को मिलेंगे|

पहला है ध्यान या मेडिटेशन करना| ध्यान या मेडिटेशन एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति अपने दिमाग और मन को एकाग्रचित करने की कोशिश करता है| इसका रोजाना नियमित अभ्यास करने से विपरीत परिस्थितियों में भी आप अपना मानसिक संतुलन बनाए रख सकते हैं और कई अन्य लाभ हासिल कर सकते हैं| इससे आंतरिक ऊर्जा का निर्माण और करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, और क्षमा की भावना का विकास होता है| इसके अलावा भी तनाव, उच्च रक्तचाप, डिप्रेसन इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी सहायता मिलती है| इससे हमारा शरीर मन एवं मस्तिष्क शांत होता है और हमारे अंदर स्फूर्ति एवं ताजगी आ जाती है| इससे  हमारी एकाग्रता बढ़ती है भूलने की समस्या कम होती है एवं हमारे नींदशैली में भी सुधार आ जाती है|

दूसरा है योग| योग एक प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है| योग के माध्यम से शरीर मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है और इन तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं| योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव ऊर्जा का संचार करता है| इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, आपका ध्यान केंद्रित करने में मदद होता है, ब्लड शुगर नॉर्मल रहती है, अच्छी और गहरी नींद आती है, हर तरह की बीमारी व दवाओं से दूर रहने में मदद होती है एवं यह हमें एक स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करती है| योग से शरीर में हर तरह के दर्द एवं परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है और इससे अपनी दिनचर्या में कम से कम 15 से 20 मिनट के लिए शामिल करना बहुत ही ज्यादा लाभदायक एवं आवश्यक है|

         अंग्रेजी में एक कहावत है हेल्थ इस वेल्थ, यानी स्वास्थ्य ही धन है| अगर स्वास्थ्य अच्छा हो तो धन कभी भी कमाया जा सकता है| इसीलिए एक आसान जिंदगी के लिए अपने स्वास्थ्य और मन को अच्छा रखना बहुत जरूरी है और आशा करते हैं कि इस लेख से आपको अपना तन मन और मस्तिष्क स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी|