बबूल का गोंद मानव शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।आयुर्वेद में बबूल के गोंद का प्रयोग बहुत से रोगों और समस्याओं को दूर करने में किया जाता है -जैसे
वजन घटाने में बबूल के गोंद के फायदे – आज कल बहुत से लोग अपने बढ़ते हुये वजन को लेकर परेशान रहते हैं।और उल्टी -सीधी दवाइयां और डाइट लेते रहते हैं।परन्तु उससे सन्तोषजनक परिणाम नहीं मिलता है।ऐसे लोगो के लिए बबूल के गोंद का उपयोग बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है।इसके लिए बबूल की गोंद को दही या सुप के साथ उपयोग करे।
कमर दर्द में बबूल गोंद के फायदे – महिलाओं में डिलीवरी के बाद कमर में आयी कमजोरी को दूर करने के लिए भी बबूल के गोंद का प्रयोग किया जा सकता है।इसके लिए बबूल के गोंद को देशी घी के साथ कड़ाही में भूनकर और उसमें सूखे मेवे और मिश्री को मिलाकर खाने से कमर दर्द की समस्या दूर हो जाती है।कमर दर्द की समस्या को दूर करने के लिए बबूल की गोंद,बबूल की छाल और फली को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें और 5 से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम दूध के साथ सेवन करने से कमर दर्द दूर हो जाती है।
स्वप्नदोष में बबूल के गोंद के फायदे – जो लोग स्वप्नदोष की बीमारी से पीड़ित होते हैं घुटने में दर्द और पैरों में कमजोरी की शिकायत किया करते हैं। उनके लिए बबूल के गोंद का सेवन बहुत ही लाभप्रद होता है।इसके लिए बबूल के पंचाग (फल,फूल,गोंद,पत्ती और छाल) को लेकर चूर्ण बना लें और सुबह-शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष में फायदा होता है।
पेचिश और दस्त में बबूल गोंद के फायदे – जो लोग पेचिश औऱ दस्त से हमेशा परेशान रहते हैं उनके लिए बबूल की गोंद का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।इसके लिए 10 ग्राम बबूल की गोंद को पानी में भिगोकर उसे अच्छी तरह घोलकर सुबह शाम पिलाने से पेचिश और डीएसटी में आराम मिलता है।
धातु रोग में बबूल गोंद के फायदे – जिन लोगों को पेशाब करते समय या पखाने में जोर लगाते समय धातु गिरने की समस्या होती है उनके लिए बबूल के गोंद का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।इसके लिए बबूल की गोंद को देशी घी में भूनकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम खाने से धातु गिरने और वीर्य का पतलापन में लाभ होता है।
खाँसी और गले की ख़राश में बबूल गोंद के फायदे – गले की ख़राश और खाँसी को दूर करने के लिए बबूल की गोंद का एक टुकड़ा मुँह में डालकर चूसने से खाँसी और गले की ख़राश में आराम मिलता है।
बबूल का गोंद और मिश्री के फायदेबबूल की गोंद को देशी घी के साथ कड़ाही में भूनकर उसका चूर्ण बना लें औऱ उसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें और सुबह – शाम दूध के साथ 5 से 10 ग्राम की मात्रा में लेने से मासिकधर्म सम्बन्धित पीड़ाएँ (जैसे मासिकधर्म के दौरान अत्यधिक खून आना ,मासिकधर्म के समय पेड़ू में दर्द होना आदि ) दूर हो जाती है।