आज की व्यस्त जीवनशैली, तनाव और खानपान को लेकर लापरवाही मोटापे का कारण बनता जा रहा है, जो वजन बढ़ने के कारणों में सबसे अहम है। इन दिनों यह एक आम समस्या बनती जा रही हैं। भारत में ही लगभग हर घर में कोई ना कोई इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
मोटापा, जिसे अंग्रेजी में Obesity कहते हैं, एक ऐसी स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। मोटापा आपके शरीर के साथ साथ आपको भी प्रभावित करता है। आपको लगता है हैं कि आपकी त्वचा पर अतिरिक्त मोटी परत होना कोई बड़ी बात नही है, किंतु इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे छोटे-छोटे कार्यों को करने में सांस फूलना तथा पसीना आना, आवश्यकता से ज्यादा या कम सोना, थोड़ा सा चलने पर सांस में रूकावट पैदा होना या सांस तेजी से चलना, शरीर के अलग अलग हिस्सो में सूजन होना, शरीर के विभन्न भागो में वसा जमना, मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण जैसे आत्मसम्मान, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति ।
मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में लोग मोटे पाये जाते हैं | मोटापे के कई कारण हो सकते है। इनमें से प्रमुख है:-
– मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।
– अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है।कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।
– असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
– शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है, यह भी मोटापे का एक कारण है।
– बड़ी और भारी मात्रा में भोजन लेना वजन को बढ़ाता हैं। अक्सर मिठाई और भारी खाद्य पदार्थ खाने से यह बड़ी मात्रा में पाचन तंत्र और वजन बढ़ाने को प्रभावित करता हैं। यह भी असंतुलन अग्नि के लिए जाना जाता है।
– बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।
– कई लोगों को दिन मे खाना खाने के बाद सोने की आदत होती है जो मोटापे का कारण बन सकती है।
– वात, पित्त और कफ हमारे शरीर का नेचर तय करते है। इन्हें शरीर के त्रिदोष कहा जाता है। हम जिस अंदरूनी एनर्जी की बात करते हैं तो वह यह तीनों है। वात, पित्त और कफ हमारे शरीर को स्पीड देने का काम करते है। इसलिए इसका संतुलन रहना बहुत ही जरूरी है। इस संतुलन के बिगड़ने से भी मोटापे की बीमारी होती है।
आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि अपना उचित वज़न किस प्रकार नापा जा सकता है या आपको कैसे पता चल सकता है कि आप वजन ज़रुरत से ज़्यादा है कि नहीं। इसकी एक साधारण सी तरकीब होती है। एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और यह शरीर के व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है।
सठीक वजन नापने के बाद अगर आपको लगता है कि आप ज़रुरत से ज़्यादा मोटे हो रहे हैं, तो नीचे दिए गए कुछ बहुत ही आसान से अभ्यासों का पालन कर सकते है जिससे आपको कुछ ही दिनों में अंतर महसूस होगा।
– अधिक वसा वाले भोजन का सेवन करना तथा निष्क्रिय जीवन शैली मोटापे के दो प्रमुख कारण होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवन शैली में परिवर्तन को अपनाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, आप अपना वजन कम करने के प्रयासों के साथ कुछ आसान और प्रभावी प्राकृतिक घरेलू उपाय का उपयोग भी कर सकते हैं।
– लगभग 200 मि.ली. पानी में 3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर डालकर 15 मिनट तक उबालें। गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ। दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल है, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
– वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फ़ार्मुला है जिसमें अमलकी (आंवला), बिभीतक (बहेडा) और हरितकी (हरड़)को बीज निकाल कर (1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 3 भाग आंवला) 1:2:3 मात्रा में लिया जाता है। त्रिफला चिकित्सीय एजेंट के रूप में काम करता है। यह वजन को कम करने के लिए शरीर से अनावश्यक तत्वों को बाहर करने में मदद करता है। साथ ही फैट को भी कम कर सकता है।
– अपने जीवन की जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों को बदलने से भी मोटापा या ओबेसिटी को कम करने में बहुत सहायता होती है| इसके लिए हमें खाना कमाने या कम खाने की जरूरत नहीं बल्कि सही मात्रा में, सही समय में, सही चीज खाने का अभ्यास करना चाहिए|
– खाना खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमारे पेट की जो अग्नि होती है, जो हमारे खाने को पचाने का काम करती है, वह बुझ जाती है। इस कारण हमारे पेट में खाना बिना पचे, अर्थात हमें एनर्जी ना देकर, सड़ती रहती है जिससे हमारे शरीर में बीमारियां और खासकर मोटापा बढ़ता रहता है| पानी पीने का भी सही वक्त, सठीक मात्रा और सही ढंग होता है| इन तीनों में से कोई भी अगर असमंजस में रहे तो हमारे शरीर में बहुत सारी परेशानियां आने लगती है|
– रोज़ सुबह उठकर एक्सरसाइज करने की आदत इस बीमारी से लड़ने के लिए एक बहुत ही अच्छा उपाय है। नियमित व्यायाम करने से शरीर में मेद जमने की संभावना कम हो जाती है और आपके शरीर में सुस्ती और मोटापा के लिए कोई जगह नहीं बचती।
वजन घटाने के लिए कई बेहतरीन घरेलू उपाय आपको True Ayur के यूट्यूब चैनल में मिल जाएंगे। ये तरीके ना सिर्फ आपका मोटापा और वजन कम करेंगे, बल्कि इससे आप फिट और हेल्दी भी रहते हैं। आपके घर में ही ऐसी कई चीजें मिल जाएंगी, जो तेजी से वजन कम करने में मददगार होती हैं।